इस अध्ययन में पहली बार बेहद छोटे आयुवर्ग पर रेसपीरेटरी सिनसिशियल वायरस (आरएसवी) के प्रभावों का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन के अनुसार, 2019 में शून्य से छह महीने आयुवर्ग के 45,000 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। दुनिया में आरएसवी के कारण होने वाली 5 में से 1 मौत इसी आयुवर्ग में होती हैं।
उन्होंने कहा कि खास तौर से ऐसे में जब दुनिया भर में कोविड-19 पाबंदियों से छूट मिलने के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और पिछले दो साल में जन्मे बच्चों का आरएसवी से वास्ता नहीं पड़ा है, ऐसे में उनमें इस वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई है।
अनुसंधानकर्ता ने कहा कि आरएसवी के तमाम टीके हैं और प्राथमिकता के आधार पर टीका किसे लगाया जाए, यह तय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता वाले समूहों में गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं ताकि नवजात बच्चों का इससे बचाव हो सके।