खुशखबरी! यह टूल बचाएगा रैन्समवेयर से कम्‍प्यूटर को...

सोमवार, 22 मई 2017 (19:44 IST)
फ्रैंकफर्ट। फ्रांस के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को दावा किया है कि उन्होंने वॉनाक्राई रैन्समवेयर से सिस्टम की फाइलों को बचाने का एक तरीका खोज निकाला है। इस तरीके से उन कंप्यूटरों और उनकी फाइलों को बचाया जा सकता है जो वॉनाक्राई का शिकार हुए हैं और जिन्हें एक हफ्ते में फिरौती न दिए जाने की सूरत में लॉक कर दिए जाने की धमकी दी गई है। इस टूल को शोधकर्ताओं ने 'वॉनाकीवी' नाम दिया है।
 
उल्‍लेखनीय है कि वॉनाक्राई ने पिछले शुक्रवार को दुनियाभर में कहर बरपाना शुरू किया था और यह 150 देशों के 3 लाख कंप्यूटरों को अपना निशाना बना चुका है। वॉनाक्राई अपने शिकार को धमकी देता है कि अगर एक हफ्ते के अंदर 300 से 600 डॉलर की राशि फिरौती के तौर पर नहीं दी तो वे सिस्टम को हमेशा के लिए लॉक कर देंगे।
 
इस विध्वंसक घटना के बाद दुनियाभर में फैले सिक्‍योरिटी रिसर्चर्स की एक टीम इस काम के लिए साथ आई और उन्होंने मिलकर उन फाइलों को खोलने का तरीका ढूंढ लिया जो इस ग्लोबल साइबर अटैक का शिकार हुई हैं। कई अन्य सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने भी इस टूल के काम करने की पुष्टि की है। हालांकि रिसर्चर्स ने यह भी बताया है कि उनका तरीका कुछ खास परिस्थितियों में ही काम करेगा। 
 
उनका कहना है कि जो कम्‍प्यूटर साइबर अटैक का शिकार हुआ है, अगर उसे रीबूट नहीं किया गया हो तब भी यह टूल उस पर काम करेगा। इसके अलावा वॉनाक्राई ने अभी तक जिन कम्‍प्यूटरों की फाइलों को हमेशा के लिए बंद नहीं किया है, यह टूल उन्हीं पर अपना असर दिखाएगा।
 
रिसर्चर्स की टीम ने रात-दिन जागकर यह टूल बनाया है क्योंकि उन्हें पता था कि वक्त ज्यादा नहीं है। उन्हें इस बात का अहसास था कि वक्त बीतने के साथ फाइलों को बचाना मुश्किल होता चला जाएगा। फिरौती दिए बगैर अपनी फाइलों को फिर हासिल करने के इस फ्री टूल नाम 'वॉनाकीवी' रखा गया है। हालांकि यह बात और है कि वायरस के हमले का प्रभाव अभी भी कई स्थानों पर देखा जा रहा है।
 
जानकारों का कहना है कि एक ब्लॉग में इससे जुड़ी सारी तकनीकी जानकारी मौजूद है और इसे उन संस्थानों के साथ साझा किया जाएगा जो वॉनाक्राई से प्रभावित हुए हैं। वॉनाकीवी विंडोज 7 और विंडोज के पुराने वर्जन XP और 2003 पर काम कर रहा है। साथ ही विडोज 2008 और विस्टा पर भी यह संकटमोचन की तरह यह टूल काम करता है।
 
इस टीम के एक सदस्य का कहना है कि 'यह तरीका XP से लेकर Win7 तक, किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम पर कारगर होना चाहिए। इसका कहना है कि अभी तक बैंकिंग और ऊर्जा संस्थानों के अलावा कई देशों की खुफिया एजेंसियों ने इसे लेकर उनसे संपर्क किया है। इनमें यूरोपीय देशों के अलावा भारत भी शामिल है।

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