सेक्स, यातना और नीलामी....

आईएसआईएस आतंकियों की यातनाओं और क्रूरता की शिकार हुई इराक की दो यजीदी महिलाओं ने खौफनाक अनुभव बताए हैं। आतंकियों ने इन्हें घर से अगवा कर लिया था और कई महीनों तक सेक्स स्लेव बनाकर रखा।
 
फिलहाल, दोनों महिलाएं इराक के एक रिफ्यूजी कैम्प में रह रही हैं। इन्होंने ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट मेलऑनलाइन के संवाददाता ओवेन होल्डवे को अपनी कहानी सुनाई। बंधक बनाकर रखी गई एक 19 साल की महिला ने बताया कि उसे खरीदने वाला पहला शख्स उसका रेप करता था। वह प्रतिरोध करती तो वह उसके एक साल के बच्चे को बुरी तरह पीटता था। महिला ने कहा कि सिर्फ बच्चे का ख्याल करके उसने सुसाइड करने से खुद को रोक रखा था।
 
यौन उत्पीड़न का शिकार हुई एक दूसरी 25 वर्षीय महिला ने बताया कि आतंकियों ने उसे कई बार बेचा। वे उसे मॉर्फीन (नशीली दवा) का इंजेक्शन देकर बिस्तर से बांध देते थे ताकि वह बेहोश रहे और शोर न मचा सके।
 
एक आतंकी ने तो उसे इतनी बुरी तरह पीटा था कि वह दो महीने तक अपने पैरों पर खड़ी भी नहीं हो पाती थी। बता दें कि आईएसआईएस उत्तरी इराक में पिछले साल अगस्त से अब तक 200 से ज्यादा यजीदी लड़कियों का अपहरण कर चुका है।
 
सबसे खूबसूरत लड़कियों को नीलामी के लिए स्लेव मार्केट भेज दिया जाता है, जहां उनके कपड़े उतरवाकर उन्हें महंगे दाम पर बेचा जाता है। नीलामी के दौरान उन्हें एक आतंकवादी से दूसरे के हाथों बेच दिया जाता था और इस काम में यूरोपीय आतंकवादी भी शामिल हैं।
उन्नीस साल की रीहान ने क्या नहीं भोगा... पढ़ें अगले पेज पर...

उन्नीस साल की 'रीहान' (परिवर्तित नाम) ने बताया कि पिछले साल अगस्त में उसे उत्तरी सिंजार स्थित एक गांव से अगवा किया गया था। उसने बताया कि मैं अपने पति और बच्चे के साथ थी, जब 30 कारों के काफिले में आए आतंकियों ने हमारे घर पर हमला कर दिया।
 
महिला ने बताया कि आतंकी उन्हें बंधक बनाकर वहां से 50 मील दूर तल-अफर ले गए, जहां उसके पति को अलग कर दिया गया। बाद में रीहान को एक 50 वर्षीय आतंकी को बेच दिया गया। एक स्कूल में करीब 200 महिलाओं के साथ उसकी नीलामी की गई थी। हालांकि, उसे नहीं मालूम कि खरीददार ने उसकी कितनी कीमत चुकाई थी। रीहान ने बताया कि आतंकी उसे अपने घर ले गया, जहां उसे अगले 10 महीनों तक बंधकर बनाकर रखा गया।
 
बेचने-खरीदने का सिलसिला : उसने बताया कि अपने बच्चे की खातिर मैंने उसे सब कुछ करने दिया, जो वह चाहता था। बाद में उसे मोसुल के एक आतंकी को बेच दिया गया। इसके बाद उसे रक्का में रहने वाले इस्लामिक स्टेट के लीबियाई आतंकी को बेचा गया।
जब उस नराधम ने 5 साल की मासूम से रेप किया... पढ़ें अगले पेज पर...
 

रीहान वहां जिन दूसरी यजीदी लड़कियों के साथ 20 दिनों तक रही उनमें से एक की उम्र 22 साल और दूसरी सिर्फ 5 साल की थी। यहां एक आतंकी ने उसके सामने महिला और उसकी पांच साल की बच्ची से रेप किया।
 
हिजाब पहनकर भागी : क्रूरता और अत्याचार से तंग आ चुकी रीहान कुछ दिन बाद हिजाब पहनकर वहां से भाग निकली। मदद के लिए वह एक सीरियाई व्यक्ति के घर गई, जहां से उसने दोहुक में अपनी मां को फोन किया। कुछ दिन वहां छुपकर रहने के बाद सीरियाई व्यक्ति ने उसे 15,000 डॉलर (करीब साढ़े नौ लाख रुपए) के बदले सुरक्षित घर पहुंचाने की शर्त रखी।
 
रीहान ने बताया कि उसकी मां ने लोगों की मदद से किसी तरह इतने पैसे इकट्ठे किए। उसे इराक-सीरिया बॉर्डर पर स्थित फिश-खाबुर में छोड़ा गया। यहां से वो दोहुक गई, जहां अब वह अपनी मां और बच्चे के साथ खानकी रिफ्यूजी कैंप में रह रही है। आतंकियों ने उसके पति, पिता और दो बहनों को बंधक बना रखा है। उसे किसी के जिंदा होने की उम्मीद नहीं है।
बरफो की कहानी सुनकर भी सिहर जाएंगे आप... पढ़ें अगले पेज पर...

पच्चीस 25 साल की 'बरफो' भी आतंकियों के यौन उत्पीड़न और अत्याचार का शिकार हुई। 3 अगस्त को आतंकियों ने दर्जनों अन्य लड़कियों के साथ सिंजार से उसे अगवा किया था। आतंकी उन्हें तल अफर की स्लेव मार्केट ले गए थे। उसे एक 35 साल के आईएसआईएस आतंकी को बेचा गया, जो उसे अपने घर ले गया। उसने बताया कि वह मुझे छूने की कोशिश करता तो मैं रोती थी। मैं उसका विरोध करना चाहती थी, लेकिन वह ताकतवर था। वह मुझे बिस्तर से बांध देता और मॉर्फीन के इंजेक्शन लगाता था।
 
उसने आतंकी की बंदूक छीनकर खुद को गोली मारने की कोशिश भी की थी लेकिन आतंकी ने उसे ऐसा करने से रोक लिया। तीन महीने तक हर रोज हुए यौन शोषण के बाद उसे मोसुल ले जाया गया, जहां एक हफ्ते तक उसे बादुश जेल में बंद रखा गया।
 
बाद में उसे रक्का के एक 30 वर्षीय अरब आतंकी को बेच दिया गया। उसने बताया कि अरबी बहुत क्रूर था। वह मुझे रोज मारता था। एक बार उसने मुझे इतना पीटा कि मैं दो महीने तक चल नहीं पाई थी। वह मुझसे दिन में छह बार नमाज अता करवाता और कुरान पढ़वाता था। 
 
इसके बाद उसे आईएसआईएस के चार अन्य आतंकियों को बेचा गया, जिन्होंने उसे सेक्स स्लेव बनाकर रखा। इन सब यातनाओं के बीच एक आतंकी को उस पर तरस आया और उसकी मदद से वह दो अन्य यजीदी लड़कियों के साथ भागकर अफरीन आ गई। कुछ दिन वहां रुकने के बाद वो बॉर्डर तक आई और अपनी मां से मिली।
इसलिए करते हैं आतंकी लड़कियों की वर्जिनिटी टेस्ट... पढ़ें अगले पेज पर....

रीहान और बरफो के दर्दनाक अनुभव बताते हैं कि इराक और सीरिया में यजीदियों के प्रति कितने जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले आईएसआईएस आतंकियों द्वारा एक 14 वर्षीय यजीदी लड़की का वर्जिनिटी टेस्ट किए जाने की खबर आई थी। आतंकी इस लड़की को महंगे दाम पर बेचना चाहते थे।
 
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इराक और सीरिया में हजारों यजीदी लड़कियों-महिलाओं को बेचा जा रहा है। सेक्स स्लेव बनाकर रखी जा रही कई लड़कियों की उम्र 14 साल से भी कम है। 
 
रीहान और बरफो के दर्दनाक अनुभव बताते हैं कि इराक और सीरिया में यजीदियों के प्रति कितने जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इराक और सीरिया में हजारों यजीदी लड़कियों-महिलाओं को बेचा जा रहा है। सेक्स स्लेव बनाकर रखी जा रही कई लड़कियों की उम्र 14 साल से भी कम है।
देश छोड़ना चाहती हैं, मगर... पढ़ें अगले पेज पर...

ये महिलाएं देश छोड़कर जाना चाहती हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके साथ पति, पिता या अन्य सहायक पुरुष नहीं हैं। न ही उनके पास आईडी, पासपोर्ट या पहचान के अन्य कागजात हैं। वे रिहा हो गई हैं लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं हैं, इस कारण से बहुत सारी लड़कियां, महिलाएं आत्महत्या करना चाहती हैं। इस तरह की हिंसा और प्रताड़ना के बाद, दौरान या पहले बहुत सी लड़कियों ने आत्म हत्या कर ली। जो लड़कियां चौदह वर्ष या इससे भी कम उम्र की थीं, उनका आतंकवादियों ने 'कौमार्य परीक्षण' कराया और फिर नीलामी की।   
 
आईएसआईएस चीफ अबू बकर अल बगदादी ने एक साल पहले यानी 29 जून 2014 को खुद को नया खलीफा घोषित किया था। पिछले साल जून में ही आईएसआईएस इराकी शहर मोसुल पर कब्जा कर सुर्खियों में आया था। तब से अब तक यह आतंकी समूह 6500 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है।
 
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल स्टीव वॉरेन के मुताबिक आईएसआईएस ने एक साल में अपना 25% इलाका अमेरिकी, सीरियाई और इराकी सुरक्षा बलों से लड़ाई में खो दिया। लेकिन उसने अपनी दहशत कई गुना बढ़ा दी है। 
 
आईएसआईएस ने तुर्की से लेकर इराक के कोबानी तक 400 किलोमीटर लंबी ऐसी बॉर्डर बना ली है जिसे तोड़ पाना मुश्किल है। अमेरिकी नेतृत्व में  पश्चिमी देश की सेनाएं आईएस नियंत्रित भूभाग पर हवाई हमले कर रही हैं लेकिन इनसे आतंकी संगठन अप्रभावित लगता है। 

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