यूनिसेफ ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि करीब बीस लाख बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है, क्योंकि युद्ध में भाग लेने के लिए नाबालिगों की भर्ती की जा रही है। यूनिसेफ के यमन प्रतिनिधि मेरिट्शेल रेलानो ने कहा, यमन में बच्चों की एक पूरी पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, क्योंकि उन्हें शिक्षा नहीं मिल रही है या बेहद सीमित तरीके से मिल रही है।
उन्होंने कहा कि स्कूल जाने के रास्ते भी खतरनाक हो गए हैं। बच्चों की सुरक्षा की चिंता में कई माता-पिता उन्हें घर में रखना पसंद कर रहे हैं। यूनिसेफ का कहना है कि 2015 से अभी तक सशस्त्र बलों ने अभी तक कम से कम 2,419 बच्चों की भर्ती की है। (भाषा)