अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल कायदा दुनिया भर में खुफिया एजेंसियों की बढ़ी सतर्कता के चलते अब समूह के बजाय अकेले आतंकी से ही हिंसक वारदात को अंजाम देने की रणनीति अपना रहा है।
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कनाडा की खुफिया सेवा के प्रमुख रिचर्ड फैडेन ने सीनेट की आतंकवाद रोधी समिति के समक्ष कहा कि अल कायदा की इस बदली हुई रणनीति की वजह से आतंकी की शिनाख्त कर पाना खासा मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि अल कायदा ने बदले अंतरराष्ट्रीय हालात में बड़ी वारदात को अंजाम दे पाने की मुश्किलों को देखते हुए यह रणनीति अपनाई है।
फैडेन ने कहा कि अल कायदा अब इकलौते आतंकी को ही किसी मिशन की जिम्मेदारी देने लगा है। लेकिन इससे खुफिया विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि किसी अकेले व्यक्ति के आतंकी इरादों का पता लगा पाना बहुत कठिन है।
उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी से बात ही नहीं करता है तो उसके आतंकी होने के बारे में आप तभी जान सकते हैं जब आपकी किस्मत अच्छी हो या फिर वे एकाध जगह कोई गलती कर जाएं।
अल कायदा की इस रणनीति की काट खोजने में कनाडा के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसियां मिलकर लगी हुई हैं। इनकी कोशिश अकेले ही वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों के बारे में बेहतर समझ पैदा करने और उनके तौर-तरीकों के बारे में जानने की है1 इसके अलावा इंटरनेट पर भी बारीक नजर रखने की जरूरत है।
इसके बावजूद फैडेन को आशंका है कि आने वाले समय में इस तरह के आतंकी हमले बढ़ सकते हैं। उन्होंने सीनेट की समिति को बताया कि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसियों को भी यह डर सता रहा है। लेकिन सतर्कता बरतने से इस खतरे को कम किया जा सकता है। (वार्ता)