संयुक्त राष्ट्र के एक संगठन की उस चेतावनी को वापस लिए जाने की संभावना है, जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2035 तक हिमालय के ज्यादातर ग्लेशियर पिघल जाएँगे।
दो वर्ष पहले 2009 में जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट को तैयार करने में गंभीर वैज्ञानिक गलतियों के सामने आने के बाद वैज्ञानिक इस चेतावनी को वापस लेने की कवायद में जुट गए हैं।
संडे टाइम्स की कल प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले कुछ दिनों में इस चेतावनी से जुड़े वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियरों के 2035 तक गायब हो जाने की चेतावनी 1999 में एक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका न्यू साइंटिस्ट में प्रकाशित एक समाचार पर आधारित थी।
बाद में यह भी खुलासा हुआ कि न्यू साइंटिस्ट की खबर भी एक कम जाने पहचाने भारतीय वैज्ञानिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सैयद हसनैन के साथ एक संक्षिप्त टेलीफोन इंटरव्यू पर आधारित थी। (वार्ता)