रिपब्लिकन अधिवेशन के मंच से अरदास

गुरुवार, 30 अगस्त 2012 (18:58 IST)
एक सिख ग्रंथी ने पहली बार रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के मौके पर मंच से अरदास की। विस्कन्सिन गुरुद्वारा हत्याकांड से दुखी सिख समुदाय के प्रति संवेदना जताने के लिए पार्टी ने इन्हें आमंत्रित किया था।

ईश्वर सिंह केंद्रीय फ्लोरिडा के सिख समाज के प्रमुख ग्रंथी हैं, जिन्होंने कल इस अधिवेशन के दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रगान के तुरंत बाद संक्षिप्त बयान दिया और फिर अरदास की। सिंह ने कहा कि हम ओक क्रीक के गुरूद्वारे में हुए गोलीकांड के साथ हाल के अन्य हिंसक हमलों से बेहद दुखी हैं।

हमें सभी लोगों के खिलाफ घृणा मिटाकर यह याद रखना है कि असल में हम ईश्वर के सान्निध्य में एक ही राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि शाम हम सब रिपब्लिकन राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने देश का भविष्य तय करने के लिए जुटे हैं।

हम सभी को प्रेम और एकता का हमेशा ध्यान रखना है। अंत में सिंह ने अरदास की पंक्ति दोहराई-‘नानक नाम चड़दी कला, तेरे भाणे सरबत दा भला’। जिसका अर्थ है- ‘ईश्वर के नाम में हमें एक चिरस्थायी आशा के दर्शन होते हैं।

उस ईश्वर से हम संपूर्ण मानवता के उत्थान की कामना करते हैं।’’ सीएनएन वेबसाइट पर लिखे एक लेख में सिंह ने लिखा था कि उनकी यह प्रार्थना अमेरिकी लोगों के साथ सिख विश्वास को बांटने का एक मौका है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब 40 साल पहले मैं अमेरिका आया था तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इस देश के लिए अरदास करने का सम्मान मिलेगा। यह कहानी सिर्फ अमेरिका में ही सच हो सकती है। उन्होंने कहा कि मेरे और सिख समुदाय के लिए यह एक खास दिन है। यह पहली बार है जब किसी सिख व्यक्ति ने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मंच से अरदास की ।

सफेद पगड़ी पहने हुए सिंह ने हजारों रिपब्लिकनों के सामने बयान दिया, जो मिट रोमनी को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी नामित करने आए थे। सिंह ने कहा कि एक सिख और एक अमेरिकी के तौर पर यहां होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मुझे गर्व है कि मेरा देश आजादी, समानता और सम्मान को महत्व देता है। (भाषा)

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