मुंबई। आईपीएल 2018 में चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से एक अनोखा रिकॉर्ड बना। आईपीएल के 11 संस्करण में यह पहला मौका था, जब लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम की तरफ से किसी खिलाड़ी ने शतक जमाया। यह सम्मान शेन वॉटसन ने हासिल किया।
ऐसा लगा कि आईपीएल के फाइनल में शेन वॉटसन ने मुंबई की मायावी नगरी में किसी फिल्म की नई पटकथा लिखी हो। वॉटसन ने हैदराबाद के बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण के आगे पहली 10 गेंदों पर कोई रन नहीं लिया। लगा कि वॉटसन काफी दबाव में हैं लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, वह कल्पना से परे था।
11वीं गेंद पर पहला रन बनाने वाले वॉटसन ने केवल 51 गेंद पर शतक ठोंक दिया। वॉटसन आईपीएल की रिकॉर्ड पुस्तिका में इसलिए दर्ज हो गए क्योंकि वे ऐसे पहले बल्लेबाज बन बैठे हैं, जिन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए शतक जमाया हो। उनसे पहले यह कारनामा किसी भी टीम के खिलाड़ी ने नहीं किया था।
वॉटसन की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने इस फाइनल मैच को पूरी तरह एकतरफा बना डाला। जिस रोमांच को देखने के लिए वानखेड़े स्टेडियम में दर्शक जमा हुए थे, उसमें उन्हें निराशा ही हाथ लगी। हैदराबाद की गेंदबाजी और चेन्नई की बल्लेबाजी में मुख्य मुकाबला था लेकिन हैदराबाद के गेंदबाज फाइनल के दबाव को झेल नहीं सके।
यह बात भी अचरज में डालती है कि वानखेड़े की लाल मिट्टी का जो विकेट पहली पारी में आश्चर्यजनक ढंग से स्पिन ले रहा था, वही विकेट दूसरी पारी में स्पिनरों की कब्रगाह बन गया। बेशक शेन वॉटसन का दिन था और वे शान से इस दिन को भुनाने में कामयाब हुए।
वॉटसन 57 गेंदों पर 117 रन के स्कोर पर नाबाद लौटे। यही नहीं उन्होंने सुरेश रैना के साथ मात्र 57 गेंदों पर 117 रनों की मूल्यवान भागीदारी भी निभाई। चेन्नई ने 18.3 ओवर में यह फाइनल मैच 8 विकेट से जीत लिया। (वेबदुनिया न्यूज)