दुबई। पांचवां खिताब जीतने के इरादे लेकर उतरने वाली सितारों से सजी मुंबई इंडियंस (MI) मंगलवार को यहां आईपीएल (IPL) फाइनल में उतरेगी तो उसके सामने पहली बार खिताबी मुकाबले में जगह बनाने वाली आत्मविश्वास से ओतप्रोत दिल्ली कैपिटल्स (DC) खड़ी होगी जिसके पास मैच विनर्स की कमी नहीं है।
रोमांच से भरपूर मुकाबलों के 52 दिन पूरे होने के बाद अब इस खास आईपीएल का एक आखिरी मुकाबला शेष है। खास इसलिए कि तमाम चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद इसके सफल आयोजन ने दर्शकों को कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुई नकारात्मकता से निजात पाने में मदद की है।
आईपीएल के सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा की नजरें पांचवें खिताब पर है। वहीं दिल्ली पिछले बारह सत्रों में फिसड्डी साबित होने के बाद पहली बार इस मुकाम तक पहुंची है।
ऐसा बहुत कम ही होता है कि सबसे प्रबल दावेदार दो टीमें ही खिताब के लिए आपस में टकराएं। इस बार हालांकि शीर्ष दो टीमें ही आमने सामने हैं। मुंबई ने 15 में से 10 मैच जीते जबकि दिल्ली ने 16 में से नौ मैचों में जीत दर्ज की। मुंबई के खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट में शुरू ही से दबदबा बनाए रखा। मुंबई के बल्लेबाजों ने 130 छक्के जड़े हैं जबकि दिल्ली ने 84 छक्के जमाए हैं।
क्विंटान डिकॉक का प्रदर्शन खास तौर पर काबिले तारीफ रहा। वहीं रोहित ने अपनी हैमस्ट्रिंग चोट को लेकर तमाम आशंकाओं को निर्मूल साबित करते हुए अच्छी कप्तानी की। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने के गम को भुलाकर सूर्यकुमार यादव ने जिस तरह बल्लेबाजी की, वह मिसाल बन चुके हैं। अब तक वह 60 चौके और 10 छक्के लगा चुके हैं। ईशान किशन ने 29 छक्के लगाए हैं।
दिल्ली के गेंदबाज कागिसो रबाडा (29 विकेट) और एनरिच नोर्जे (20 विकेट) अगर इन दोनों से पार पा भी लेते हैं तो पांड्या बंधु की चुनौती भी आसान नहीं है। दोनों जबर्दस्त फार्म में भी हैं।
दिल्ली के लिए शिखर धवन 600 से अधिक रन बना चुके हैं। अब उन्हें जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट के सटीक यार्कर और इनस्विंग का सामना करने के लिए कुछ खास करना होगा। इस सत्र में तीन मैचों में मुंबई ने दिल्ली पर एकतरफा जीत दर्ज की है लेकिन अगर सबसे अहम मुकाबले में दिल्ली बाजी मार लेती है तो ये तीनों हार बेमानी हो जाएंगी।
दूसरे क्वालीफायर में लगा कि दिल्ली ने सही टीम संयोजन तलाश लिया है। पारी की शुरुआत मार्कस स्टोइनिस से कराने का फैसला सही रहा। श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत के औसत फार्म को देखते हुए शिमरोन हेटमायेर पर तेज बल्लेबाजी का जिम्मा होगा। पावरप्ले में आर अश्विन पर बड़ी जिम्मेदारी होगी।
इसके साथ ही इस मैच के जरिए अय्यर का भविष्य में भारतीय टीम की कप्तानी के लिए दावा पुख्ता हो सकता है। रिकी पोंटिंग कुशल रणनीतिकार के रूप में अपनी साख मजबूत करेंगे जबकि सूर्यकुमार चयन समिति को बल्ले से जवाब देना चाहेंगे।
सभी की नजरें आईपीएल फाइनल पर है लेकिन रांची के उस राजकुमार की कमी जरूर खल रही है जिसकी टीम 2017 से लगातार आईपीएल फाइनल खेलती आई है। महेंद्र सिंह धोनी की कमी आईपीएल फाइनल में महसूस होगी लेकिन जिंदगी की ही तरह क्रिकेट किसी के लिए रूकता नहीं।