पीएम मोदी ने बताया, युवा कैसे निकाल रहे हैं समस्याओं का समाधान?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 24 नवंबर 2024 (11:33 IST)
PM Modi Mann ki baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कई उदाहरणों के माध्यम से बताया कि युवा किस तरह से समस्याओं का समाधान निकालने में लगे हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा, युवा कई समस्याओं का समाधान निकालने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं से राजनीति में आने का आहवान किया है, जिनके परिवार का कोई भी व्यक्ति और पूरे परिवार का राजनीतिक बेकग्राउंड नहीं है, ऐसे एक लाख युवाओं को, नए युवाओं को, राजनीति से जोड़ने के लिए देश में कई तरह के विशेष अभियान चलेंगे। 
 
पीएम मोदी ने कहा कि कई शहरों में युवा बुजुर्गों को Digital क्रांति में भागीदार बनाने के लिए भी आगे आ रहे हैं। भोपाल के महेश ने अपने मोहल्ले के कई बुजुर्गों को Mobile के माध्यम से Payment करना सिखाया है। इन बुजुर्गों के पास smart phone तो था, लेकिन, उसका सही उपयोग बताने वाला कोई नहीं था।
 

कई शहरों में युवा बुजुर्गों को Digital क्रांति में भागीदार बनाने के लिए भी आगे आ रहे हैं।

भोपाल के महेश ने अपने मोहल्ले के कई बुजुर्गों को Mobile के माध्यम से Payment करना सिखाया है। इन बुजुर्गों के पास smart phone तो था, लेकिन, उसका सही उपयोग बताने वाला कोई नहीं था।… pic.twitter.com/apzhZyJMQ2

— BJP (@BJP4India) November 24, 2024
उन्होंने कहा कि लखनऊ के रहने वाले वीरेंद्र बुजुर्गों को डिजिटल ला‍इफ सर्टिफिकेट के काम में मदद करते हैं। आप जानते हैं कि नियमों के मुताबिक सभी पेंशनर्स को साल में एक बार ला‍इफ सर्टिफिकेट जमा कराना होता है। 2014 तक इसकी प्रक्रिया यह थी इसे बैंकों में जाकर बुजुर्ग को खुद जमा करना पड़ता था। आप कल्पना कर सकते हैं कि इससे हमारे बुजुर्गों को कितनी असुविधा होती थी। अब ये व्यवस्था बदल चुकी है। अब डिजिटल ला‍इफ सर्टिफिकेट देने से चीजें बहुत ही सरल हो गई हैं, बुजुर्गों को बैंक नहीं जाना पड़ता।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं चेन्नई का एक उदाहरण आपसे शेयर करना चाहता हूं। यहां बच्चों के लिए एक ऐसी लाइब्रेरी तैयार की गई है, जो क्रियेटिविटी और लर्निंग का हब बन चुकी है। इसे प्रकृत अरिवगम के नाम से जाना जाता है। इस लाइब्रेरी का आइडिया टेक्नोलॉजी की दुनिया से जुड़े श्रीराम गोपालन की देन हैं। 
 
बिहार में गोपालगंज की प्रयोग लाइब्रेरी की चर्चा तो आसपास के कई शहरों में होने लगी है। इस लाइब्रेरी से 12 गांवों के युवाओं को किताबे पढ़ने की सुविधा मिलने लगी है। ये लाइब्रेरी पढ़ाई में मदद करने वाली दूसरी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध करा रही है। हैदराबाद में भी फूड फॉर थॉट फाउंडेशन ने कई शानदार लाइब्रेरियां बनाई। इनका प्रयास है कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा विषयों पर ठोस जानकारी के साथ पढ़ने के लिए किताबे मिलें।
edited by : Nrapendra Gupta 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी