इसके बाद हालांकि लेग अंपायर विनीत कुलकर्णी से बात करने के बाद शम्सुददीन को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने तीसरे अंपायर से मदद मांगी। इसके बाद धोनी निराशा में अंपायर से बात करते हुई दिखाई दिए गए।टेलीविजन रीप्ले में दिखा की गेंद धोनी के दस्तानों में जाने से पहले टप्पा खा चुकी थी। तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला बदल दिया, जिससे धोनी नाखुश हो गए।
संयोग से, पिछले साल जयपुर में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ ही धोनी ने कमर से ऊपर फुलटॉस गेंद को नो बॉल नहीं दिए जाने के बाद मैदानी अंपायर उल्हास गंधे खिलाफ आपा खोया था। इस दौरान धोनी ने मैदान में घुसकर अंपायर से बहस कर खिलाड़ियों की आचार संहिता का उल्लंघन किया था।