मुंबई। दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच रविवार को यहां होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में मुख्य मुकाबला दोनों टीमों के शीर्ष क्रम के बीच देखने को मिलेगा जिसमें ऋषभ पंत के कप्तानी कौशल की भी परीक्षा होगी। दोनों टीमें अपना पिछला मैच गंवाने के बाद इस मैच में उतरेंगी लेकिन दिल्ली कैपिटल्स निश्चित तौर पर कागजों पर मजबूत टीम नजर आती है और ऐसे में उसका पलड़ा भारी लगता है।
जहां तक आईपीएल में कप्तानी का सवाल है तो पंत अनुभवहीन हैं। पिछले मैच में उन्होंने अपने अनुभवी गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन का कोटा पूरा नहीं करवाया जिससे टीम को नुकसान हुआ। उन्होंने उनके बजाय टॉम करेन की मध्यम गति की गेंदबाजी पर भरोसा दिखाया। इस मैच के लिए एनरिच नोर्जिया को अंतिम एकादश में शामिल किया गया जा सकता है जिससे टीम के गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती मिलेगी, क्योंकि पिछले मैच करेन की मध्यम गति की गेंदबाजी का क्रिस मौरिस और डेविड मिलर ने भरपूर फायदा उठाया था। पंजाब किंग्स को दूसरी तरफ अपने बल्लेबाजों की नाकामी के कारण चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ पराजय का सामना करना पड़ा था। दीपक चाहर की अतिरिक्त उछाल और मूवमेंट का उसके बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था।
वानखेड़े स्टेडियम की पिच दूधिया रोशनी में शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के सामने कुछ सवाल पैदा कर रहा है। नमी के कारण इस पिच पर तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही है। ऐसे में केएल राहुल बनाम कैगिसो रबाडा तथा क्रिस वोक्स बनाम क्रिस गेल का मुकाबला रोचक होगा। इसी तरह से पृथ्वी शॉ की मोहम्मद शमी की धारदार गेंदबाजी को कुंद करने की कोशिश रहेगी तो शिखर धवन अनुशासित गेंदबाजी कर रहे अर्शदीप सिंह पर हावी होने का प्रयास करेंगे।
दोनों टीमों के पास शीर्ष क्रम में दमदार बल्लेबाज हैं। दिल्ली की टीम शॉ, धवन और पंत पर काफी निर्भर है जबकि पंजाब की टीम में यही भूमिका राहुल, गेल और दीपक हुड्डा निभा रहे हैं। यहां तक कि दोनों टीमों की कमजोरियां भी एक जैसी हैं। अगर अजिंक्य रहाणे में पॉवर हिटिंग का अभाव और मार्कस स्टोइनिस की खराब फॉर्म दिल्ली के मध्यक्रम को प्रभावित कर रही है वहीं मयंक अग्रवाल की लंबे समय से चली आ रही लचर फॉर्म और निकोलस पूरण की शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने की कमजोरी पंजाब के लिए अच्छी खबर नहीं है।
रबाडा, नोर्जिया और अश्विन की उपस्थिति में दिल्ली का आक्रमण मजबूत नजर आ रहा है जबकि पंजाब की तरफ से शमी को छोड़कर कोई अन्य गेंदबाज प्रभाव नहीं छोड़ पा रहा है। मोटी कीमत पर खरीदे गए झाय रिचर्डसन और रिले मेरेडिथ अभी तक नाकाम रहे हैं। स्पिनर मुरुगन अश्विन भी ऐसा कुछ नहीं कर पाए जिससे कि दिल्ली के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग और कप्तान पंत किसी तरह से परेशान हों।