नई दिल्ली: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ पिछली बार जीत में प्रभावित करने वाले कोलकाता नाइट राइडर्स के इम्पैक्ट प्लेयर सूयश शर्मा का क्रिकेट के भ्रष्ट माहौल में कोई गॉडफादर नहीं है और दिल्ली के मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस लेग स्पिनर ने अभी तक अपनी काबिलियत के बूते सफलता हासिल की है।
पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके के 19 वर्षीय सूयश ने कोलकाता की टीम की ओर से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में पदार्पण करते हुए 30 रन देकर तीन विकेट झटके जिससे टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को 81 रन से पराजित करने में कामयाब रही थी।
मध्यम वर्ग के परिवार की अपनी ही समस्यायें होती हैं और फिर उनके पिता भी कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्होंने गॉडफादर के नहीं होने, तमाम परेशानियों और तनाव के बावजूद क्रिकेट की
चुनौतियों से निपटना जारी रखा।सूयश ने बीती रात आईपीएल मैच में अपनी लेग ब्रेक और गुगली से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के दो विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक और अनुज रावत के अलावा आल राउंडर कर्ण शर्मा के विकेट झटके।
दिल्ली के कोच रणधीर सिंह ने कहा, सूयश के लिए यह यात्रा आसान नहीं रही है। वह दिल्ली के पूर्व स्पिनर सुरेश बत्रा का शिष्य था और उनके क्लब के लिए खेलता था। कोविड-19 के कारण हमने सुरेश जी को गंवा दिया
उसकी काफी मदद की। उन्होंने कहा, मैंने उसे कहा कि अगर उसे कोई मदद की जरूरत है तो हम एम्स में भी उन्हें दिखा सकते हैं लेकिन राहुल की बदौलत उसके पिता का इलाज मुंबई में किया गया। वह भी मुंबई इंडियंस के ट्रायल्स में शामिल हुआ।
कोलकाता, चेन्नई या मुंबई की तरह दिल्ली का क्लब क्रिकेट इतना लुभावना नहीं है क्योंकि कोई भी क्लब खिलाड़ी को कोई भुगतान नहीं करता है और यहां कोई आधिकारिक अनुबंध भी नहीं कराया जाता।सिंह ने कहा, हमने सूयश को कुछ भी भुगतान नहीं किया है क्योंकि दिल्ली क्लब क्रिकेट में किसी को एक भी पैसा नहीं दिया जाता। अगर आप पेशेवर हो, भारत के लिए खेल रहे हो और खेलने के लिये अनुरोध किया गया है तो ही खिलाड़ी को कुछ वित्तीय लाभ होता है।
पहली बार आईपीएल खेल रहे सुयश शर्मा ने 120 गेंदो में 165 रन देकर 7 विकेट झटके हैं। बैंगलोर के खिलाफ उनका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा, इस मैच में उन्होंने 30 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे। उनको औसत 23 और इकॉनोमी 8.25 की है।