वोडाफोन करार पर सरीन निराश

मंगलवार, 10 जुलाई 2007 (14:09 IST)
ब्रिटेन की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अरुण सरीन का कहना है कि वे सोचते थे कि भारतीय नौकरशाही अब पेशेवर हो गई है, लेकिन अंतिम समय में उनकी कंपनी के हचिसन एस्सार के 11 अरब डॉलर के सौदे का जिस तरह बेड़ा गर्क करने की कोशिशें हुईं उससे उनकी उम्मीदें तहस-नहस हो गई थीं।

सरीन ने सिलीकन वैली में भारतीय उद्योगपतियों और पेशेवरों को संबोधित करते हुए कहा कि खासकर विलय अधिग्रहण के सौदों को मंजूरी देने में भारत की नौकरशाही को और अधिक पारदर्शी होना चाहिए। इससे पिछले दरवाजे से भारतीय राजनीतिक नौकरशाही को प्रभावित करने की कुछ स्वार्थी तत्वों की कोशिशों को नाकाम किया जा सकेगा।

सरीन ने कहा कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि कुछ नामचीन लोग इस सौदे को नाकाम बनाने के लिए कैबिनेट सचिवों और मंत्रियों तक के चक्कर काटेंगे।

गौरतलब है कि देश की चौथी सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी हचिसन एस्सार में हचिसन की हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में वोडाफोन के साथ-साथ कई भारतीय उद्योग समूह भी थे। सरीन ने कहा कि हचिसन वोडाफोन सौदे को सरकारी मंजूरी मिलने में तीन महीने का समय लगा।

वेबदुनिया पर पढ़ें