क्या होता है डीप या डार्क वेब? : गूगल या किसी अन्य ब्राउजर में हम जब भी कुछ सर्च करते हैं, तो तुरंत ही लाखों रिजल्ट सामने आ जाते हैं। हालांकि यह पूरे इंटरनेट का सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्सा है, जो 96 प्रतिशत सर्च रिजल्ट में नहीं दिखता है, उसे डीप वेब कहा जाता है। इसमें बैंक अकाउंट डिटेल, कंपनियों का डेटा और रिसर्च पेपर जैसी जानकारियां होती हैं।
इसी का एक छोटा हिस्सा डार्क वेब है, जो साइबर अपराधियों की पनाहगार है। इसमें ड्रग, मानव तस्करी, अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त के साथ डेबिट/क्रेडिट कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारियां बेचने जैसे काम यहां होते हैं।
कैसे बचें? : डार्क वेब से बचने का सबसे आसान तरीका है कि इससे दूर रहें। अगर कोई आम इंटरनेट यूजर गलती से डार्क वेब की दुनिया में चला जाता तो समझिए आप ऐसी जगह पहुंच गए, जहां हर समय हैकर घूमते रहते हैं, जो हमेशा नए शिकार की तलाश में रहते हैं। एक गलत क्लिक से आपकी बैंक की जानकारी, सोशल मीडिया के साथ निजी फोटो और वीडियो इनके हाथ लग सकते हैं।