Dog blood bank India: क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय सेना में सिर्फ सैनिक ही नहीं, बल्कि उनके वफादार चार-पैर वाले साथी भी देश सेवा में अपना अहम योगदान देते हैं? जी हां, सेना के जांबाज कुत्ते न सिर्फ दुश्मनों का पता लगाते हैं, बचाव अभियान में मदद करते हैं और गश्त करते हैं, बल्कि वे रक्तदान भी करते हैं! यह सुनकर शायद आपको हैरानी हो, लेकिन यह सच है और यह रक्तदान कई महत्वपूर्ण कामों में आता है।
सेना के डॉग्स क्यों करते हैं रक्तदान:
भारतीय सेना में डॉग यूनिट्स (श्वान दल) बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन यूनिट्स में प्रशिक्षित कुत्ते होते हैं जिन्हें विशेष परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाता है। जिस तरह इंसानों के लिए ब्लड बैंक होते हैं, वैसे ही सेना के पास अपने विशेष पशु चिकित्सालय और ब्लड बैंक होते हैं जहाँ इन कुत्तों का रक्त संग्रहीत किया जाता है।
कौन से कुत्ते करते हैं रक्तदान?
आमतौर पर, सेना के स्वस्थ, फिट और नियमित रूप से जांचे गए कुत्ते ही रक्तदान करते हैं। इन कुत्तों की नस्लें जैसे लैब्राडोर (Labrador), जर्मन शेफर्ड (German Shepherd), और बेल्जियन मैलिनोइस (Belgian Malinois) सेना में आम तौर पर उपयोग की जाती हैं और इनमें से कई रक्तदान कार्यक्रम में भाग लेते हैं।
प्रक्रिया क्या है?
रक्तदान की प्रक्रिया इंसानों के समान ही होती है। कुत्तों को पहले अच्छी तरह से जांचा जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे स्वस्थ हैं और रक्तदान के लिए फिट हैं। इसके बाद, एक प्रशिक्षित पशु चिकित्सक द्वारा सावधानीपूर्वक रक्त निकाला जाता है। इस रक्त को फिर विशेष रूप से संग्रहीत किया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके।
किस काम आता है यह खून?
सेना के कुत्तों द्वारा दान किया गया रक्त कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करता है, खासकर आपातकालीन स्थितियों में:
घायल सैन्य कुत्तों के लिए: सबसे महत्वपूर्ण उपयोग यह है कि यह रक्त घायल सैन्य कुत्तों की जान बचाने में काम आता है। ऑपरेशन के दौरान, दुर्घटनाओं में, या किसी बीमारी के कारण जब एक सैन्य कुत्ते को रक्त की आवश्यकता होती है, तो यह दान किया गया रक्त उसके जीवन को बचाने में सहायक होता है। जैसे इंसान को खून की जरूरत पड़ने पर दिया जाता है, वैसे ही इन कुत्तों को भी जरूरत पड़ने पर खून चढ़ाया जाता है।