पिछले साल नवंबर में ChatGPT ने अमेरिकी यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के वॉरटन स्कूल की MBA परीक्षा पास कर सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि इस AI लैंग्वैज मॉडल में कई खामियां भी देखने को मिली। Google के कोडिंग इंटरव्यू और अमेरिका की मेडिकल परीक्षा में भी उम्दा प्रदर्शन किया।
ChatGPT को विकसित करने वाली कंपनी OpenAI के सीईओ सैम अल्टमैन बताया कि उन्होंने 50 एक्सपर्ट्स की टीम के साथ मिलकर इस लैंग्वेज मोडल को और भी ज्यादा आधुनिक और एक्युरेट बनाने पर लगातार काम कर नया वर्जन GPT4 लेकर आए। इलिनोइज टैक के शिकागो केंट कोलेज ऑफ लॉ के प्रोफेसर डेनियल मार्टिन का कहना है कि OpenAI के इस लेटेस्ट मॉडल में कॉम्प्लेक्स लीगल रिजनिंग और कानून की अच्छी समझ है।
आइए देखते है GPT4 कितना अलग है ChatGPT से और युजर्स को क्या नया देखने को मिल सकता है।
एक्यूरेसी और रिजनिंग क्षमता : GPT4 कठिन समस्याओं को ChatGPT के मुकाबले अधिक एक्युरेसी के साथ हल कर सकेगा।
रिसर्च में पाया गया कि GPT-4 ने ChatGPT को एड्वांस्ड रिजनिंग क्षमता में पीछे छोड़ दिया है। GPT-4 ने यूनिफॉर्म बार एक्जाम (MBE+MEE+MPT) में 75 प्रतिशत स्कोर किया जो कि एवरेज प्रतिशत 68 प्रतिशत से ज्यादा है। यूनिफॉर्म बार एक्जाम में GPT-4 ने 90th परसेंटाइल स्कोर (298/400) हासिल किया। इससे पहले GPT-3.5 ने इस परीक्षा में 50 प्रतिशत स्कोर किया था और मल्टिपल च्वाइस के केवल दो ही हिस्सों में पास हो पाया था। वहीं GPT-3.5 ने 10th परसेंटाइल स्कोर हासिल किया।
क्या है नया:
GPT-4 क्रियेटिव और टेक्निकल राइटिंग टास्क (सॉन्ग राइटिंग, स्क्रीनप्ले राइटिंग) को जनरेट और एडिट कर सकता है।
ChatGPT-4 में टेक्स्ट के साथ-साथ फोटो, डाइग्राम और स्क्रीनशॉट्स को भी पढ़ सकता है।
यह मॉडल कठिन समस्याओं को पहले के वर्जन के मुकाबले और अधिक एक्युरेसी के साथ हल कर सकेगा।
इस वर्जन में यूजर्स के फीटबैक के आधार पर जरूरी खामियां सुधारी जा सकेंगी।
GPT-4 पहले के मुकाबले सुरक्षित और उपयोगी रिस्पॉन्स देगा।
GPT के इस वर्जन में कम 'hallucinations' हैं। पहले यह AI मॉडल पूरे विश्वास के साथ ऐसे जवाब देता था, जिनका वास्तविकता से कोई नाता नहीं होता था।
GPT-4 को ह्यूमन फीडबैक की ट्रेनिंग दि गई है।
कंपनी ने बताया कि GPT-4 को ChatGPT Plus के पैड युजर्स इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि सीईओ सैम अल्टमैन स्वीकारते हैं कि इस मॉडल में अभी भी मॉडल फैक्ट्स को हैल्यूसिनेट और रिजनिंग में गलती करता है, अंतत: पूर्ण रूप से भरोसेमंद नहीं है। लैंग्वेज मॉडल को सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। अल्टमैन ने कहा कि वे लगातार इस मोडल में जरूरी सुधार करने की कोशिश कर रहे है जिससे और भी ज्यादा लोग एआई लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल कर सकेंगे।