जमीन-जायदाद के बारे में परामर्श देने वाली सीबीआरई ने डेटा सेंटर पर मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि तेजी से डिजिटलीकरण, प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे में सुधार और 5जी, कृत्रिम मेधा (एआई), ब्लॉकचेन और क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के कारण भारत में डेटा सेंटर उद्योग में लगातार तेजी देखी जा रही है।
सीबीआरई की रिपोर्ट के अनुसार भारत में डेटा सेंटर की क्षमता 2020 से दोगुनी होकर 2023 की पहली छमाही तक लगभग 880 मेगावॉट तक पहुंच गई। इसके 2023 के अंत तक लगभग 1,048 मेगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि हाल में वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद इस क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ी हुई है। निवेशकों ने चालू वर्ष की पहली छमाही के दौरान 21 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई हैं।
सीबीआरई ने कहा कि कुल मिलाकर 2018 से लेकर 2023 की पहली छमाही तक भारत ने 35 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया है। यह निवेश वैश्विक और घरेलू निवेशकों दोनों की ओर से आया है। निवेश प्रतिबद्धता हासिल करने वाले शीर्ष राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
सीबीआरई के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत और दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, प्रौद्योगिकी, सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग मंच का बढ़ता उपयोग, आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर रखने की बढ़ती आवश्यकता और डिजिटल बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार से भारत में डेटा सेंटर की मांग में तेजी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए देश एशिया प्रशांत क्षेत्र में अगले दशक में डेटा सेंटर के बड़े गंतव्यों में से एक होगा।(भाषा)