ChatGPT Plus क्या है? क्या हैं फीचर्स ? जानिए कौनसी सुविधा है मुफ्त

Webdunia
बुधवार, 8 फ़रवरी 2023 (17:10 IST)
What is ChatGPT Plus : ChatGPT इन दिनों सुर्खियों में है। इस बीच ChatGPT Plus की चर्चाएं भी होने लगी हैं। सवाल उठ रहे थे कि क्या उपयोग के लिए रुपया लगेगा। ओपन ने AI चैटबोट के लिए नया सब्सक्रिप्शन प्लान लॉन्च किया है- ChatGPT Plus। इस नए चैटबोट की कीमत 20 डॉलर्स प्रतिमाह यानी 1,653 रुपए हैं। ChatGPT Plus अभी केवल अमेरिका के यूजर्स के लिए ही उपलब्ध है।
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ओपन AI कंपनी ने कहा कि वे जल्द ही एक प्रतीक्षा सूची के द्वारा लोगों को इन्वाइट करने की प्रक्रिया आने वाले हफ्तों में शुरू कर देंगे। इस सब्सक्रिप्शन प्लान में एडिशनल क्षमताएं एवं फीचर्स होंगे। विशेष रूप से कंपनी ने कन्फॉर्म किया है कि वे ChatGPT की मुफ्त सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। ओपन AI के मुताबिक इस नए सब्सक्रिप्शन प्लान से यूजर्स को ChatGPT का फ्री एक्सेस और उपलब्धता मिलेगी। 
 
ChatGPT क्या है? : ChatGPT एक आसानी से प्रयोग किए जाने वाला इंटेलिजेंस टूल है। इसके माध्यम से युजर्स के द्वारा सर्च किए गए प्रश्नों और टॉपिक्स के उपयुक्त एवं प्राकृतिक जवाब मिलते हैं।
 
AI चैटबोट बिलकुल एक मनुष्य की तरह जवाब देता है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे ये वास्तविक बातचीत की नकल कर सकता है। 
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यह ओपन AI इतना एडवांस है कि पिछले संवाद में जो कुछ भी बातचीत या आइडियाज़ के बारे में चर्चा हुई है उसे स्मरण और समझा सकता है। इतना ही नहीं, कहीं गलती होने पर माफी भी मांगता है। ओपन AI ने ChatGPT को लाखों-करोड़ों शब्दकोश और इंटरनेट पर उपलब्ध डॉटा के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। 
 
ChatGPT Plus क्या है? : ChatGPT Plus सब्सक्रिप्शन से उपभोक्ताओं को सेवाओं का शीर्ष समय पर एक्सेस‍ मिलेगा। इसके अतिरिक्त प्लस यूजर्स को और तेज रिस्पॉन्स टाइम एवं नए फीचर्स की प्राथमिकता मिलेगी। कंपनी ने ChatGPT API के लॉन्च की जानकारी दी। यह एक व्यापार एकीकृत ChatGPT प्लेटफॉर्म है जो मौजूदा एप्स और सर्विसेस से जोड़ दिया जाएगा।
 
क्लासिफायर टूल : कंपनी ने एक इसे टूल का अनावरण किया है। इसकी सहायता से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या आर्टीफिशियल इन्टेलिजेंस प्रोग्राम द्वारा लिखे गए टेक्स्ट को इंसान अपना बता रहा है। इस टूल का नाम क्लासिफायर है, यह एक वेब एप के रूप में उपलब्ध होगा। ChatGPT की लोकप्रियता के कारण साहित्यिक चोरी बढ़ने और विद्धार्थियों में रिर्सच करने की क्षमता घटने का डर लोगों के मन में बना हुआ है।

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