रथ यात्रा में तीन रथ होती हैं। एक जगन्नाथजी का, दूसरा बलरामजी का और तीसरा सुभद्रा जी का। तीनों रथों को खींचकर 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है जहां भगवान 10 दिनों तक आराम करने के बाद 11वें दिन पुन: जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने को लेकर कोई भी नियम नहीं है। किसी भी धर्म, जाति, प्रांत या देश का व्यक्ति रख खींच सकता है। इसे कोई भी भक्त खींच सकता है। क्रम से सभी रथ की रस्सी को खींचते हैं। माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने वाला जीवन काल के चक्र से मुक्त हो जाता है।
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