भगवान जगन्नाथ को पहले क्या कहते थे?
हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक उड़ीसा के पुरी नगर की गणना सप्तपुरियों में भी की जाती है। पुरी को मोक्ष देने वाला स्थान कहा गया है। इसे श्रीक्षेत्र, श्री पुरुषोत्तम क्षेत्र, शाक क्षेत्र, नीलांचल, नीलगिरि और श्री जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। पुराण के अनुसार नीलगिरि में पुरुषोत्तम हरि की पूजा की जाती है। यानी भगवान जगन्नाथ को पहले पुरुषोत्तम कहा जाता था और उसी दौर में उन्हें नीलमाधव भी कहा जाता था।
किस आदिवासी समाज के हैं ये कुल देवता?
पुरी के पुजारियों के अनुसार प्राचीन काल में ओडिशा को उद्र देश और पुरी को शंख क्षेत्र कहा जाता था। यह स्थान भगवान विष्णु का प्राचीन स्थान है जिसे बैकुंठ भी कहा जाता है। प्राचीनाकल में पुरी चारों और समुद्र से घिरा हुआ था जिसके बीच में नीलगिरि नामक पहाड़ पर नीलमाधव विराजमान थे। ब्रह्म और स्कंद पुराण के अनुसार यहां भगवान विष्णु 'पुरुषोत्तम नीलमाधव' के रूप में अवतरित हुए और सबर नामक आदिवासी जाति के परम पूज्य देवता बन गए थे। इसी समाज के लोग इनकी दिव्य रूप में पूजा करते थे।