HIGHLIGHTS
* भगवान पार्श्वनाथ जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर हैं।
* उनके 10 जन्म के बारे में यहां जानकारी दी जा रही है।
* उनके तीर्थंकर बनने के पहले के 10 जन्म।
Lord Parshvanath : जैन पुराणों के अनुसार तीर्थंकर बनने के लिए पार्श्वनाथ को पूरे नौ जन्म लेने पड़े थे। पूर्व जन्म के संचित पुण्यों और दसवें जन्म के तप के फलत: ही वे तेईसवें तीर्थंकर बने। पार्श्वनाथ का जन्म वाराणसी के राजा अश्वसेन और वामादेवी के घर हुआ था।
आइए जानते हैं उनके 10 जन्मों के बारे में -
1. जैन पुराणों के अनुसार पहले जन्म में वे मरुभूमि नामक ब्राह्मण बने।
2. दूसरे जन्म में वज्रघोष नामक हाथी बने।
3. तीसरे जन्म में स्वर्ग के देवता बने।
4. चौथे जन्म में रश्मिवेग नामक राजा बने।
5. पांचवें जन्म में देव बने।
6. छठे जन्म में वज्रनाभि नामक चक्रवर्ती सम्राट बने।
7. सातवें जन्म में देवता बने।
8. आठवें जन्म में आनंद नामक राजा बने।
9. नौवें जन्म में स्वर्ग के राजा इन्द्र बने।
10. दसवें जन्म में तीर्थंकर बने।
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