जम्मू। पिछले कई दशकों से जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रामबन जिले के कैफटेरिया मोड़ पर पंथल का इलाका जी का जंजाल बना हुआ है। दिन में कब पत्थरों की बरसात इस हिस्से पर हो जाए कोई नहीं जानता। यह पत्थरों की बरसात पिछले एक अरसे में बीसियों लोगों की जान भी ले चुकी है। अब इसी जगह कई सालों से कई सुरंगों का काम जारी है। इसमें से टी-5 टनल के अगले महीने 15 मार्च तक पूरा हो जाने पर पंथल की दुश्वारियों से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी है।
टी-5 टनल करीब 800 मीटर लंबी है और यह लगभग पूरी तो हो चुकी है पर अंतिम छोर पर भी इन पत्थरों की बरसात काम करने वालों की जान निकाल रही है। पहले कभी सिर्फ बरसात के दिनों में ही अन्य इलाकों के साथ-साथ पंथल का इलाका 300 किमी लंबे राजमार्ग पर यातायात को कई कई दिनों तक रोक देता था। पर अब सबसे अधिक पंथल का इलाका ही परेशानी पैदा किए हुए है।
हालांकि पहले यहां पर एक लोहे की शीटों से एक टनल बनाई गई पर पत्थरों की मार को वह सहन नहीं कर पाई। इसको कई बार बनाया गया और कई बार पत्थरों की बाढ़ ने उसे बहा दिया।
रामबन के उपायुक्त मुसर्रत इस्लाम का कहना था कि नेशनल हाईवे 44 पर यही एक इलाका सबसे अधिक तकलीफदेह है क्योंकि यह किसी को बख्श नहीं रहा है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि वायदानुसार, नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया इस समस्या से मुक्ति के लिए टी-5 सुरंग 15 मार्च तक यातायात के लिए खोल देगी।
इसी राजमार्ग पर रामबन और डिग्डोल के बीच 16 किमी लंबी सुरंगें भी बनाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त मेहर के पास पहले ही चिनाब दरिया पर एक 40 टन की क्षमता वाले पुल का निर्माण किया जा चुका है।