जन्माष्टमी को तंत्र की 4 महारात्रियों मे से 1 माना गया है। विशेष रूप से इस रात्रि को शनि, राहु, केतु, भूत, प्रेत, वशीकरण, सम्मोहन, भक्ति और प्रेम के प्रयोग एवं उपाय करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
विशेष उपाय
* ससंकल्प उपवास करें रात्रि में भी भोजन न लें।
* काले तिल व् सर्व औषधि युक्त जल से स्नान करें।
* संतान प्राप्ति तथा पारिवारिक आनंद के लिए कृष्ण पूजन, अभिषेक कर जन्मोत्सव मनाएं।
* धनिये की पंजरी और माखन मिश्री का भोग लगा कर प्रसाद वितरण करें।
* इष्ट मूर्ति, मंत्र, यंत्र की विशेष पूजा व साधना करें।
* श्री राधा कृष्ण बीजमंत्र का जप करें।
* भक्ति एवं संतान प्राप्ति के लिए गोपाल, कृष्ण, राधा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व तुलसी अर्चन करें।
* भूत प्रेत बाधा निवारण, रक्षा प्राप्ति हेतु सुदर्शन प्रयोग, देवीकवच का पाठ करें।
* श्रीकृष्ण और राधिका के 1000 नामों का पाठ करें।
* आकर्षण,सम्मोहन,वशीकरण, प्रेम प्राप्ति के लिए तांत्रिक प्रयोग किए जा सकते हैं।
* श्रीकृष्ण की प्रिय वस्तुओं के साथ उनका श्रृंगार करें।