हनुमान जयंती पर पीपल के 11 पत्तों का उपाय अपनाना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें, पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं हों। 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। जब सभी पत्तों पर 'श्रीराम' नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर में जाकर वहां बजरंग बली को अर्पित करें।
जो भक्त रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करते हैं या इनके दोहे प्रतिदिन पढ़ते हैं, उन्हें हनुमानजी का विशेष स्नेह प्राप्त होता है। हनुमान जयंती को शाम के समय हनुमानजी को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं। हनुमानजी को खुश करने का यह सबसे सरल उपाय है।
हनुमानजी को यह विशेष पान अर्पित करने से जीवन की हर समस्या का नाश होता है।
कैसे बनवाएं हनुमानजी के लिए विशेष पान : इस पान में केवल कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बुरा और सुमन कतरी डलवाएं। यह पान एकदम ताजा, मीठा और रसभरा होना चाहिए। ध्यान रहे कि पान में चूना, तंबाकू एवं सुपारी नहीं डलती है।