हनुमानजी की साधना में इन मालाओं का करें उपयोग

हनुमानजी की साधना में दो प्रकार की मालाओं का प्रयोग किया जाता है। सात्विक कार्य से संबंधित कामना में रुद्राक्ष माला तथा तामसी एवं पराक्रमी कार्यों के लिए मूंगे की माला। 



* साधना पूर्ण आस्था, श्रद्धा और सेवाभाव से की जानी चाहिए। हनुमान जयंती के अतिरिक्त मंगलवार हनुमानजी का दिन है। इस दिन अनुष्ठान संपन्न करना चाहिए। इसके अतिरिक्त शनिवार को भी हनुमान पूजा का विधान है। 

* हनुमान साधना से ग्रहों का अशुभत्व पूर्ण रूप से शांत हो जाता है। हनुमानजी और सूर्यदेव एक-दूसरे के स्वरूप हैं। इनकी परस्पर मैत्री अति प्रबल मानी गई है। इसलिए हनुमान साधना करने वाले साधकों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास, ओज, तेजस्विता आदि विशेष रूप से आ जाते हैं। यह तेज ही साधकों को सामान्य व्यक्तियों से अलग करता है।

* हनुमानजी की साधना में जो ध्यान किया जाता है उसका विशेष महत्व है। हनुमानजी के जिस विग्रह स्वरूप का ध्यान करें, वैसी ही मूर्ति अपने मानस में स्थिर करें और इस तरह का अभ्यास करें कि नेत्र बंद कर लेने पर भी वही स्वरूप नजर आता रहे। 



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