टाइम टेबल

- तृप्ति कुशवाह

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अर्द्धवार्षिक परीक्षा थी सर पर और सारे दोस्त पढ़ाई में जुटे थे। मैंने तैयारी शुरु कर दी थी। तभी परीक्षा का टाइम टेबल आ गया। मैं स्कूल में टाइम टेबल नोट करना भूल गई और मैंने अपनी सहेली अनुराधा की कॉपी से टाइम टेबल नोट किया। इस तरह मैंने खूब अच्छे से पढ़ाई।

पहला पर्चा हिन्दी का था जो अच्छा गया और उससे मेरे आत्मविश्वास में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। हमारे स्कूल में अर्द्धवार्षिक परीक्षा में जो अच्छे नंबर लाते थे उन्हें कक्षा में सबके सामने टीचर की तरफ से शाबाशी मिलती थी और इसी कारण मैं चाहती थी कि मैं सबसे ज्यादा नंबर लाऊँ। दूसरा पर्चा अँगरेजी का हुआ और इसके बाद रविवार की छुट्टी आ गई।

अगला पर्चा टाइम टेबल के मुताबिक मंगलवार को होना था और मैंने सोचा कि अब तो दो दिन की छुट्टी है तो आराम से तैयारी की जा सकती है।
  अर्द्धवार्षिक परीक्षा थी सर पर और सारे दोस्त पढ़ाई में जुटे थे। मैंने तैयारी शुरु कर दी थी। तभी परीक्षा का टाइम टेबल आ गया। मैं स्कूल में टाइम टेबल नोट करना भूल गई और मैंने अपनी सहेली अनुराधा की कॉपी से टाइम टेबल नोट किया।      


रविवार देर रात तक मैंने पढ़ाई की और सोमवार को जब मैं 8 बजे तक सो रही थी तभी फोन की घंटी बजी। मम्मी ने फोन पर कुछ सुना और मुझे चिल्लाते हुए कहा कि तृप्ति आज गणित का पेपर है और तू गई नहीं। यह सुनकर मैं बिस्तर पर से खड़ी हो गई और पूछा- क्या कह रही हो।

मैंने तुरंत अपनी सहेली अनुराधा के यहाँ फोन किया तो पता चला वो परीक्षा देने गई है। मैंने जल्दी से मुँह धोया और चाय तक पिए बिना स्कूल पहुँची। आधा घंटा लेट होने के बावजूद मैं परीक्षा में तो बैठ गई और पर्चा हो गया। बाद में पता चला कि थोड़ी सी जल्दबाजी में मैंने गलत टाइम टेबल नोट कर लिया था। तब से टाइम टेबल को लेकर मैं ज्यादा ही सतर्क रहती हूँ।