दोस्त बनाते चलो

स्कूल शुरू हुए। अब कुछ पुराने दोस्त मिलेंगे और कुछ नए। जिंदगी में अच्छा दोस्त मिल जाए तो समझो बहुत कुछ मिल गया। बचपन के दिनों में बने दोस्त तब भी याद रहेंगे जब तुम पढ़-लिखकर कुछ बन जाओगे।

जिंदगी के अलग-अलग पड़ाव पर दोस्त बनते रहेंगे पर बचपन में बने दोस्त खूब याद आएँगे क्योंकि इनके साथ कुछ ज्यादा मजे के दिन जो बिता रहे हो। बचपन के इन दोस्तों के साथ इन दिनों जो भी काम तुम करोगे उन्हीं से अच्छे भविष्य के नींव पड़ेगी। हम जीवन में आगे बढ़ते चलते हैं और नए-नए दोस्त बनते जाते हैं। स्कूल के दोस्त, कॉलेज के दोस्त, ऑफिस के दोस्त और खेल के मैदान के दोस्त। अपने हर दोस्त से हम बहुत कुछ सीखते हैं।

बिना दोस्त के भी जीवन में कोई मजा है क्या? इस बात को इस तरह भी समझा जा सकता है कि कोई फिल्म तुम अकेले देखो और फिर वही फिल्म अपनी स्कूल के दो-तीन सहपाठियों के साथ देखो। मजा ज्यादा कब आता है? बस तो तुम्हें समझ में आ जाएगा कि एक अच्छा दोस्त जिंदगी में क्या फर्क पैदा करते हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि दोस्त मुश्किल दिनों में हमारी मदद करते हैं और बेहतर रास्ता सुझाते हैं। अच्छा मित्र वही तो है जो परीक्षा और टेस्ट जैसे मुश्किल दिनों में भी हमें हिम्मत देता है। कवि इमर्सन ने बड़ी प्यारी बात कही है कि अच्छा दोस्त पाने के लिए खुद भी अच्छे दोस्त बनो।

तो दोस्त बनाते रहो और खूब मजे करो।

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