आया है माह जुलाई का

विनोद चंद्र पाण्डेय 'विनोद'

आया है माह जुलाई का,
गर्मी की छुट्‍टी बीत गई
होती है अब हर बात नई
खुल गए हमारे विद्यालय,
होता आरंभ पढ़ाई का।
आया है माह जुलाई का।।
कक्षा में, नई प्रवेश मिला।
सबके ही मन का कमल खिला।।
फिर से मिल गए सभी साथी,
कैसा आनंद बधाई का।
आया है माह जुलाई का।।
है लिया खरीद नया बस्ता।
चाहे महँगा हो गया सस्ता।।
कापियाँ, किताबें नई हुई,
होता है काम लिखाई का।
आया है माह जुलाई का।।
पढ़ने-लिखने के दिन आए।
हम आगे ही बढ़ते जाएँ,
सिर झुक जाए कठिनाई का।
आया है माह जुलाई का।।

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