इंद्रधनुष

डॉ. रामनिवास राव

वर्षा के मौसम में नभ में
सजता इंद्रधनुष।
फूलों की माला सतरंगी
लगता इंद्रधनुष।।
बादल की आँखों का सपना
यह कोई सुंदर।
माथे की बिंदिया सा लगता
हँसता इंद्रधनुष।।
चित्र बना यह रंगबिरंगा
नीले कागज पर।
नन्हे मुन्नों की टोली सा
फबता इंद्रधनुष।।
रूप बदलकर आया जैसे
कोई जादूगर
बच्चों की भोली आँखों को
ठगता इंद्रधनुष।।
खेल रही अम्बर में परियाँ
होली हिल-मिलकर
उड़ते अबीर की परछाईं
दिखता इंद्रधनुष

हिसार (हरियाणा)

साभार : देवपुत्र

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