बाल कविता : चतुर चींटी

मगरमच्छ को लाद पीठ पर,
चींटी पड़ी दिखाई।
चींटे ने पूछा बहना क्यों,
इसे लाद कर लाई।

चींटी बोली दिन पर दिन मैं,
बूढ़ी होती जाती।
कमजोरी के कारण घर का,
काम नहीं कर पाती।

झाड़ू-पोंछा बरतन के यह,
काम सभी कर लेगा।
दो रोटी खाकर कोने में
यह भी पड़ा रहेगा।

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