भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि दल में दूसरी पीढ़ी के कम से कम एक दर्जन नेताओं को भविष्य के लिए तैयार करने का काम खुद दल के आधार स्तंभ कहे जाने वाले अटल और आडवाणी की जोड़ी ने किया है।
हुसैन ने पार्टी में दूसरी पीढी के नेतृत्व के संबंध में कहा कि दूसरे राजनीतिक दल आंतरिक लोकतंत्र की सिर्फ बातें करते हैं जबकि भाजपा में वह अपने वास्तविक रूप में नजर आता है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की जोडी ने जिस समन्वय और सहयोग के साथ भाजपा को आगे बढ़ाया है, वह अपने आप में एक मिसाल है।
हुसैन ने कहा कि इन दोनों नेताओं ने अपनी सरपरस्ती में पार्टी में दूसरी पीढी का काबिल नेतृत्व भी तैयार किया जो यह दर्शाता है कि पार्टी सही मायने में लोकतांत्रिक मूल्यों को अपने भीतर समेट कर सीढी दर सीढी आगे बढ़ती रही है।
हुसैन ने कहा कि आज यह सवाल उठ रहा है कि सर्वमुलायम सिंह यादव.लालू प्रसाद यादव.सुमायावती.सुजयललिता. करूणानिधि. नवीन पटनायक और शरद पवार के बाद उनकी पार्टी कौन संभालेगा। इसी तरह कांग्रेस में गाँधी परिवार का ही दबदबा रहा है और तमाम योग्यताओं के बावजूद वहां दूसरे नेताओं के लिए दूसरे नंबर पर रहने का विकल्प ही बचता है।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भाजपा में सभी को समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिला है। भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री हो या केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाले पदाधिकारी यह बात साफ है कि भाजपा में योग्यता ही आगे आने का मुख्य पैमाना है।
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए हुसैन ने कहा कि उन्होंने समाज के सभी वर्गों के मन पर अपनी छाप छोड़ी है। अल्पसंख्यकों का पार्टी से रिश्ता बनाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। इसी परंपरा को आडवाणी और अन्य नेताओं ने भी बखूबी आगे बढ़ाया है।
पार्टी में अनुशासनहीनता के प्रश्न पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी लाइन से हटकर की गई बयानबाजी इसकी परिधि में आती है। दल की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयानों को भी अनुशासनहीनता ही माना जाना चाहिए।