बाल कविता : तितली हूं या परी

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
होठों पर मुस्कान खिली है,
आंखों में है जादू।
मुझे देखकर खुश कितने हैं,
मेरे अम्मा बापू।
 
मुंडन अभी करा के आई,
लगती हूं मैं कैसी?
फूलों पर बैठी तितली हूं,
या हूं परियों जैसी।

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