राखी पर कविता : राखी का त्योहार

- गिरीश पंड्या
 

 
छुटकी ने लिया भैया से 
यह वचन अबकी बार 
 
एक दिन का नहीं होगा 
राखी का त्योहार 
 
मैं रोज तुम्हें बांधूंगी 
राखी प्यारी-प्यारी 
 
उपहारों से भर जाएगी 
मेरी बड़ी अलमारी।

 

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