एक दिन इंदौर के रेडिसन चौराहे पर आरजे नवनीत इस खूबसूरत पल को कैद कर लेते हैं और देखते ही देखते यह फोटो वायरल हो जाता है। विशेषकर परीक्षा के दिनों में यह फोटो बच्चों को बार बार अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है। जब फोटो वायरल होता है और एक सी सोच रखने वाले लोग इसे एक पहल मानते हुए आगे बढ़ाते हैं तो वह पंहुच जाते हैं उस स्कूल में जहां यहां विश्वनाथ आवासरमोल पढ़ाई करता है।
पालीवाल बाल विनय मंदिर के श्री हर्षलाल पालीवाल बताते हैं हम लोग यूं तो नि:शुल्क स्कूल चलाते हैं सिर्फ साल में एक बार न्यूनतम फीस ली जाती है। लेकिन इस फोटो के सामने आने के बाद विश्वनाथ के लिए एक हमने एक फंड बना रखा है। इसी फंड से बच्चे की फीस, कॉपी, किताब व ड्रेस आदि का प्रबंध होता है। 19 साल से संस्था चल रही है।
बच्चे ने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया लोगों ने उस मेहनत और जज्बे को प्रणाम किया और परिणाम यह निकला कि उसकी शिक्षा आसान हो गई। बहुत जरूरी है कि अपना काम हम इमानदारी से करते रहें और फल की इच्छा त्याग दें। हम नहीं जानते कब किस समय कौन सा पल हमारी किस्मत चमका दे जैसे विश्वनाथ का लिया यह फोटो लेते समय न वह बच्चा जानता था, न फोटो लेने वाले हाथ जानते थे न ठेले चलाने वाले हाथ को पता था कि यह इतना नोटिस किया जाएगा।