एक दौलतमंद इंसान ने अपने बेटे को वसीयत देते हुए कहा, 'बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैरों में ये फटे हुऐ मोजे (जुराबें) पहना देना, मेरी यह इच्छा जरूर पूरी करना।'
'मेरे प्यारे बेटे, देख रहे हो...? दौलत, बंगला, गाड़ी और बड़ी-बड़ी फैक्टरी और फॉर्म हाउस के बाद भी मैं एक फटा हुआ मोजा तक नहीं ले जा सकता। एक रोज तुम्हें भी मृत्यु आएगी, आगाह हो जाओ। तुम्हें भी एक सफेद कपड़े में ही जाना पड़ेगा। लिहाजा कोशिश करना, पैसों के लिए किसी को दुःख मत देना, गलत तरीके से पैसा न कमाना, धन को धर्म के कार्य में ही लगाना, क्योंकि अर्थी में सिर्फ तुम्हारे कर्म ही जाएंगे।'