वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जब उन्होंने इंसानी मस्तिष्क की स्टेम कोशिकाओं को नवजात चूहों के मस्तिष्क में प्रतिरोपित किया तो इंसानी कोशिकाओं ने ठीक वैसे ही काम किया जैसे चूहों की मूल कोशिकाएँ कार्य करती हैं। वैज्ञानिकों का यह दावा यदि सत्य है तो इसे चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जाएगा।
वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल का कहना है कि यह नतीजा इपिलेप्सी या पार्किंसन की वजह से मस्तिष्क को पहुँचे नुकसान की भरपाई की आस जगाता है। ऐसे मामलों में मरीज के अपने ही मस्तिष्क की स्टेम कोशिकाओं का उसके उपचार में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
शोध का सबसे अहम नतीजा यह है कि वयस्क स्टेम कोशिकाओं में चूहों के मस्तिष्क में पाई जाने वाली हर तरह की कोशिकाओं के साँचे में ढल जाने की क्षमता होती है। इनमें नियोकॉर्टेक्स और हिप्पोकेम्पियस जैसी अहम कोशिकाएँ भी शामिल हैं, जिनका सीधा संबंध स्मृति और स्थानिक समझ से है। (भाषा)