भांग-गांजा करते हैं बुद्धि का नाश

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भांग और गांजे पर हुए एक शोध से पता चला है कि भांग का नशा करने वालों की बुद्धि का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है और तो और इनका सेवन करने पर अक्ल मंद पड़ जाती है, जिसकी भरपाई फिर कभी नहीं हो पाती है।

ये नतीजे न्यूजीलैंड में लगभग 1000 लोगों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है। शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने पाया कि जो नौजवान 18 वर्ष से कम उम्र में भांग का नशा करने लगते हैं, इस नशे की वजह से उनकी बुद्धि का विकास बुरी तरह प्रभावित होता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस शोध से इस मामले पर भी प्रकाश पड़ सकता है कि ड्रग्स लेने वाले लोग अक्सर जीवन में असफल क्यों रहते हैं।

इस अध्ययन के अंतर्गत शोधकर्ता दो दशक से अधिक समय से न्यूज़ीलैंड के ड्यूनडिन इलाके में रहने वाले भांग तथा गांजे का सेवन करने वाले कुछ लोगों पर नजर रख रहे थे। इनमें से कई युवाओं से शोधकर्ताओं ने तब बात की थी जब वो भांग का नशा नहीं करते थे। इसके बाद शोधकर्ताओं ने उनसे दोबारा कई साल बाद बात की जब वो भांग का नशा करते थे।

शोधकर्ताओं ने जब इन लोगों की शिक्षा का जायजा लिया तो पाया कि जो नौजवान गांजे का नशा करते हैं, उनकी शिक्षा काफी कम रही है जिसकी वजह है कि उनकी बुद्धि ज्यादा विकसित नहीं हो पाई।

यही नहीं, शोधकर्ताओं ने पाया कि इन कम उम्र में नौजवानों ने जितना ज्यादा नशा किया, उनकी बुद्धि उतनी ही मंद होती गई और नशा छोड़ने पर भी उनकी बुद्धि का विकास नहीं हो पाया। (एजेंसियां)

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