दूसरे विश्वयुद्ध में दुनिया एक बार परमाणु बम का कहर देख चुकी है। सिर्फ 2 परमाणु बमों से लाखों लोगों की जानें चली गई थीं और जापान को दशकों तक परमाणु बम से संबंधित विभीषिकाएं झेलनी पड़ी हैं। अभी तक कहीं भी किसी भी लड़ाई या देश में हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसका एकमात्र कारण यह है कि यह हथियार जनसंहारक और काफी विनाशक है।
परमाणु बम में उच्च स्तर का रेडिएशन होता है, लेकिन हाइड्रोजन बम में इससे हजारों गुना अधिक घातक होता है। जहां तक बात इसके धमाके से सुरक्षित दूरी की है, तो यह हाइड्रोजन बम के आकार पर निर्भर करता है। जितना बड़ा हाइड्रोजन बम होगा, उसकी मारक क्षमता उतनी ही अधिक होगी।