एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1983 में जापान के वैज्ञानिकों का एक दल अंटार्कटिका पर गया था। उस समय बर्फ की काई में जमा यह जीव भी जमा था। उस समय ये जीव मृत अवस्था में थे और शोध दल इन्हें लेकर जापान वापस आ गए। तब वैज्ञानिकों ने इन जीवों को गर्मी देने की बजाय बर्फ के एक बॉक्स में रख दिया। यह बक्स तीस वर्ष तक ऐसे ही पड़ा रहा।
विदित हो कि वैज्ञानिकों ने इन जीवों को दशकों को माइनस 20 डिग्री के तापमान में रहने दिया। बाद में, शोधकर्ताओं के एक अन्य दल ने इन जीवों को बक्से से बाहर निकाला और इन्हें पोषक तत्वों से भरी एक नली में रख दिया।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने ऐसा देखा कि वे खुश हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने एक वाटर बीयर को कुलबुलाने की हालत में देखा। इस प्राणी को वैज्ञानिक 'स्लीपिंग ब्यूटी' के नाम से भी पुकारते हैं। दरियाई घोड़े जैसा दिखने वाला एक और वाटर बीयर जिंदा हो गया है और अंडे देने का काम भी करने लगा है। इस शोध की जानकारी जर्नल बायोबायोलॉजी में दी गई है।
इन विचित्र जीवों के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अंटार्कटिक जैसी जगह पर खोदकर निकाल लें, इन्हें बर्फ में दबाकर भूल जाएं और सालों बाद इन्हें निकालें। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये जीव खुद को किसी भी हालत में ढाल लेते हैं और इनमें फिर से जीवित होने के चिन्ह नजर आने लगते हैं। इन्हें टार्डीग्रेड्स भी कहा जाता है और इस प्रयोग से यह सिद्ध हो गया है कि यह दशकों तक बर्फ में जमे रहने के बाद संतान उत्पति करने में सक्षम होते हैं।