कैसा होगा जातक : इस खाने में शुक्र को 'लक्ष्मी' कहा गया है। यहां शुक्र उच्च का होता है। यदि वह चरित्र का उत्तम है तो जातक को महिला और सरकार से मदद मिलने के चांस ज्यादा रहते हैं। पत्नी मुसीबत के समय ढाल बनकर काम करेगी। लेकिन बृस्पति के घर में होने के कारण पत्नी के स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करना होगी। शुक्र बारह के समय दूसरे या छठवें भाव में बैठा बुध जातक को रोगी बनाता हैं और जातक को साहित्यिक और काव्य प्रतिभा प्रदान करता है। ऐसा जातक 59 साल की उम्र में आध्यात्मिक शक्तियों प्राप्त करता है और 96 वर्षों तक जीवित रहता है।
शुक्र की सावधानियां :
1. पत्नी का किसी भी तरह से अपमान न करें।
2. शराब, मांस और व्याभिचार से दूर रहें।
3. बृहस्पति के उपाय करें।
4. यदि पत्नी दूसरों को दान देती है तो वह पति के लिए किसी रक्षा की दीवार की तरह काम करेगी।