सियाम के अध्यक्ष तथा अशोक लेलैंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक विनोद दसारी ने संगठन के वार्षिक सम्मेलन के दौरान कहा, ऑटो उद्योग प्रदूषण कम करने के लिए काफी काम कर रहा है। हम भारत स्टेज (बीएस)-6 उत्सर्जन मानक की तरफ बढ़ने के लिए काम कर रहे हैं। हम सरकार से प्रदूषण घटाने के लिए 15 साल से पुराने वाहनों को प्रतिबंधित करने का अनुरोध करते हैं।
उल्लेखनीय है कि यदि ऐसा होता है तो वाहनों की बिक्री और तेजी से बढ़ेगी। पिछले वित्त वर्ष में घरेलू बाजार में वाहनों की बिक्री 6.81 प्रतिशत और यात्री वाहनों की 9.24 प्रतिशत बढ़ी थी। दसारी ने राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बोर्ड बनाने और डिजाइनिंग क्षमता बढ़ाने की मांग की ताकि 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को गति मिल सके। उल्लेखनीय है कि विनिर्माण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में ऑटो सेक्टर का योगदान 50 प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा सेक्टर के लिए नीतियों में जल्दी-जल्दी बदलाव से ऑटो उद्योग के लिए पिछला कुछ समय काफी चुनौतिपूर्ण रहा है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शत-प्रतिशत 'शून्य उत्सर्जन' के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान नीति का निर्माण जहां सरकार द्वारा किया जा रहा है, वहीं भविष्य की नीति सियाम की तरफ से आनी चाहिए।
उन्होंने कहा, इंटरनल कम्बशन इंजन की बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस स्थानांतरित होने से इस समय ऑटोमोबाइल उद्योग में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हो रहा है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्रित रणनीति की आवश्यकता है। आदर्श स्थिति पहले हाइब्रिड और फिर पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ने की होगी।