एक खास बातचीत में सीआईएसी के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. पीआर स्वरुप ने बताया कि इस समय कंस्ट्रक्शन उद्योग में तकरीबन 80,000 आर्बिट्रेटर्स विभिन्न कंपनियों के मामलों को सुलझाने में लगे हुए हैं, इनमें से अधिकांश लोग या तो अपने नियमित सेवा से रिटायर्ड बुजुर्ग हैं। ये कंप्यूटर या ऑनलाइन मैकेनिज़्म से या तो अपरिचित हैं या इनकी इसमें कम रूचि है। इसलिए ऑनलाइन डिस्प्यूट रेजॉल्यूसन (ओडीआर) शुरू होने पर इन्हें हज़ारों की संख्या में आर्बिट्रेशन अस्सिटेंट्स की ज़रुरत होगी। डॉ. स्वरुप ने बताया कि आईटी की समझ रखने वाले इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए ये सुनहरा अवसर होगा। उन्होंने बताया कि अगर सही समय पर इस क्षेत्र में प्रवेश कर लिया तो कुछ वर्षों में ये स्वतंत्र आर्बिट्रेटर्स के तौर पर काम कर सकेंगे और सही मायने में यही इस सम्मलेन का उद्देश्य भी है।