निजीकरण : Air India को TATA को बेचा गया, BPCL का विनिवेश टला
रविवार, 19 दिसंबर 2021 (13:46 IST)
नई दिल्ली। रास्ते बदलना मददगार होता है लेकिन लीक से हटकर रास्ता अपनाना हमेशा फायदेमंद नहीं होता। यह कहानी है भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की 2 सबसे बड़ी कंपनियों एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) के निजीकरण की।
देश में करीब दो दशक बाद, इस साल एक ऐतिहासिक विनिवेश हुआ। इसमें घाटे में चल रही राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया टाटा को बेची गई। यह सिर्फ इसलिए संभव हो पाया क्योंकि सरकार ने राष्ट्रीय एयरलाइन में 76 फीसदी हिस्सेदारी के रास्ते को बदलकर पूरे 100 फीसदी हिस्सा बेचने का फैसला किया और इसके साथ ही बोली लगाने वालों को यह विकल्प भी दिया कि कितना कर्ज वे अपने पर लेना चाहते हैं।
हालांकि बीपीसीएल के मामले में सरकार ने प्रबंधन पर नियंत्रण समेत 26 फीसदी हिस्सेदारी को बनाए रखने की सफल नीति का पालन करने के सुझावों को नजरंदाज करते हुए कंपनी में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश की। परिणाम यह रहा कि केवल तीन निविदाएं आईं और उनमें से भी दो को वित्त की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
ऐसे में एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया संभव हो गई, लेकिन बीपीसीएल की नहीं। भारत के इतिहास में सबसे बड़ा विनिवेश 2022 में जनवरी-मार्च तिमाही में होना संभावित है जब देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाएगी। अभी एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
हालांकि 2021 की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि निजीकरण पर जो धब्बा था और इसे देश की संपत्ति बेचने का काम बताया जाता था, वह दूर हो गया और यह भावना और मजबूत हो गई कि निजीकरण करदाताओं के धन की बचत करने के लिहाज से मददगार है। साल 2021 सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के लिहाज से कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है। पहला तो इसलिए क्योंकि 19 वर्ष में इसमें पहला निजीकरण हुआ। निजीकरण की अंतिम प्रक्रिया इससे पहले 2003-04 में हुई थी।
इस वर्ष एयर इंडिया और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का निजीकरण हुआ। एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपए में टाटा समूह ने खरीदा तो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स को दिल्ली की कंपनी नंदाल फाइनेंस एंड लीजिंग ने 210 करोड़ रुपए में खरीदा।
सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रम (सीपीएसई) में से पांच के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है जिनमें बीपीसीएल, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन, पवन हंस और एनआईएनएल शामिल हैं। अलायंस एयर और एयर इंडिया की तीन अन्य अनुषंगी कंपनियों का भी 2022 के दौरान निजीकरण किया जाएगा। 2021-22 के बजट में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।(भाषा)