आरोप है कि एयरटेल अपने यहां आधार आधारित मोबाइल सिम सत्यापन के लिए आने वाले ग्राहकों के भुगतान बैंक खाते खोल रही है और इस बारे में ग्राहकों की ‘सहमति’ भी नहीं ली जाती। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) द्वारा जारी नोटिसों के अनुसार ग्राहकों की सहमति नहीं लेना व उन्हें सत्यापन के उद्देश्य के बारे में सही ढंग से नहीं बताया जाना नियमों का उल्लंघन है और वित्तीय दंड के साथ दंडनीय है।
यूएडीएआई के नोटिसों के अनुसार यह देखने में आया है,‘एयरटेल के रिटेलर आधार ई केवाईसी सत्यापन करते समय कथित तौर पर ग्राहकों के भुगतान बैंक खाते भी खोल रहे हैं। वे न तो ग्राहकों को समुचित जानकारी देते हैं औ न ही उनकी पूरी सहमति लेते हैं।’कुछ शिकायतें तो ऐसी भी मिली हैं कि एयरटेल ने बिना सहमति के भुगतान बैंक खाते खोल दिए और उन्हें एलपीजी सब्सिडी पाने के लिए अधिकृत भी कर दिया। यूआईडीएआई के प्रवक्ता ने संपर्क करने पर इस मामले में टिप्पणी से इंकार किया। (भाषा)