आमतौर पर भारत रिफाइंड के बजाय 'कच्चे' सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है। इसके बावजूद सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क घटाया है। इस कटौती के साथ रिफाइंड खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 13.7 प्रतिशत हो गया है। इसमें सामाजिक कल्याण उपकर भी शामिल है। सभी प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि इस कदम का बाजार की धारणा पर कुछ अस्थायी प्रभाव हो सकता है, लेकिन इससे आयात नहीं बढ़ेगा। मेहता ने बयान में कहा कि आमतौर पर सरकार खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहती है।
एसईए के अनुसार केरल में मानसून की शुरुआत में 1 सप्ताह की देरी के कारण बुवाई में विलंब हुआ है। मेहता ने कहा कि मौसम विभाग ने लगभग सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है। हालांकि अल नीनो से पूरी तरह इंकार नहीं किया गया है और इससे सामान्य मानसून की संभावना को झटका लग सकता है जिसके चलते खरीफ फसल और अगले तेल वर्ष 2023-24 में वनस्पति तेलों की घरेलू उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।