वॉशिंगटन। अमेरिकी कच्चे तेल का भारत को निर्यात किए जाने से दोनों देशों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे तथा आर्थिक स्थिरता एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में वृद्धि होगी।
अमेरिका के ऊर्जा मंत्री रिक पेरी ने अमेरिकी कच्चे तेल की पहली खेप ओडिशा पहुंचने के कुछ दिनों बाद यह बात कही। यह खेप लुइसियाना प्रांत के सेंट जेम्स तथा टेक्सास के फ्रीपोर्ट से पिछले महीने रवाना हुई थी और ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर 2 अक्टूबर को पहुंची थी।
पेरी ने गुरुवार को कहा कि इससे भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी की महत्ता तथा इसके बढ़ने का पता चलता है। मैं अपने सहयोगियों के साथ मिलकर विश्वसनीय, जिम्मेदार और प्रभावी ऊर्जा स्रोतों की भूमिका विस्तृत करने के नए अवसरों की तलाश को इच्छुक हूं।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि अमेरिकी कच्चे तेल की भारत द्वारा बढ़ी खरीद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जून की अमेरिका यात्रा का परिणाम है। उस यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेता रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी के जरिए ऊर्जा सहयोग विस्तृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो के अंतर्गत भारत डेस्क के निदेशक अधिकारी टॉम वाज्डा ने कहा कि हम इस पहली खेप के बाद कई और खेप की उम्मीद करते हैं। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम दोनों ने अमेरिका से 20 लाख बैरल से अधिक कच्चा तेल खरीदने का ऑर्डर दिया है। (भाषा)