आर्थिक मामलों के विभाग ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि विकसित देशों में कोविड-19 की नई लहर और संक्रमण के नए प्रकार के बाद नए सिरे से लॉकडाउन लगाया गया है, जिससे वैश्विक उत्पादन में सुधार की रफ्तार कम हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 संक्रमण के ग्राफ में गिरावट की रफ्तार में हल्के ठहराव के बाद भी गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है और उपभोक्ताओं का सुधरता आत्मविश्वास नहीं डिगा है। टीकाकरण अभियान के बाद उपभोक्ताओं की धारणा सुधरी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामाजिक दूरी एक सामाजिक टीके की तरह है। भारत और दुनिया में तेजी से पुनरुद्धार के लिए इसपर लगातार ध्यान दिया जाना चाहिए। कोविड-19 टीके के विकास के बाद कई बार इसे नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन कोविड-19 के टीके के साथ सामाजिक टीका भी जरूरी है।
भारत हालांकि महामारी की दूसरी लहर से बचा हुआ है, लेकिन आठ राज्यों- महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इससे एक बार फिर सामाजिक दूरी का महत्व सामने आया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में महामारी के बाद पहली बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सकारात्मक हुई है। इससे धारणा बेहतर हुई है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष के अंत तक गतिविधियां जीडीपी के दूसरे अग्रिम अनुमान के आकलन की तुलना में बेहतर रहेंगी।
इसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक के तीसरी तिमाही के औद्योगिक परिदृश्य सर्वे से भी इस धारणा की पुष्टि होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी।