कंपनी के प्रवर्तकों और प्रबंधकों के बीच तनाव की चर्चाओं के बीच से यह भी कहा कि इस समय कंपनी को एक ‘मजबूत चेयरमैन की जरूरत’है। कंपनी के निदेशक मंडल में 2000 से 2011 तक सदस्य रहे पई ने कहा कि एनआर नारायण मूर्ति की ओर से भी एक ‘गलती’ हुई क्योंकि उन्होंने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर ‘केवल कंपनी के संस्थापकों’ को रखने पर ध्यान दिया जिसकी वजह से कई अच्छे लोग कंपनी छोड़कर चले गए।
कंपनी में 17 वर्ष व्यतीत करने वाले पई ने कहा कि ‘‘मैं बहुत दुखी हूं। हमने इस अच्छी कंपनी को बनाने में अपने जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा बिता दिया लेकिन जो हुआ है उससे मैं दुखी हूं।’’ कंपनी के वर्तमान चेयरमैन आर. सेशासयी का नाम लिए बगैर पई ने कहा कि जब आपके पास एक मजबूत सीईओ होता है तो संतुलन के लिए आपको एक मजबूत चेयरमैन की जरूरत होती है ताकि दोनों लोग साथ काम कर सकें।