अस्थायी रूप से बंद हुईं जेट एयरवेज की सेवाएं, बुधवार रात होगी आखिरी उड़ान
बुधवार, 17 अप्रैल 2019 (22:18 IST)
मुंबई। वित्तीय संकट से गुजर रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज ने नकदी की कमी के कारण गुरुवार से अपनी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है। उसकी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 11 अप्रैल की रात से ही बंद हैं।
कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ऋणदाताओं के कंसोर्टियम से फौरी नकदी नहीं मिलने के कारण वह विमान ईंधन तथा अन्य महत्त्वपूर्ण सेवाओं के लिए भुगतान करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए वह परिचालन बंद करने पर मजबूर है। उसने तत्काल प्रभाव से सभी उड़ानें बंद करने की घोषणा की है। उसकी आखिरी उड़ान बुधवार रात होगी।
उसने कहा कि वह अब बोली प्रक्रिया का इंतजार करेगी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में आठ बैंकों के कंसोर्टियम ने ऋण समाधान के तहत कंपनी की 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की है। बोली प्रक्रिया 10 मई को पूरी होगी। इससे साफ है कि कम से कम एक महीने के लिए एयरलाइन की सभी उड़ानें रद्द रहेंगी।
तकनीकी बोली जमा कराने की अंतिम तिथि 12 अप्रैल थी। कंसोर्टियम ने बताया है कि कुछ खरीरदार सामने आए हैं और पात्र खरीददारों को निविदा दस्तावेज भेजे गए हैं। वित्तीय निविदा जमा कराने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है।
एयरलाइन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कंसोर्टियम की ओर से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मंगलवार रात जेट एयरवेज को बताया था कि वे अंतरिम राहत राशि जारी करने में असमर्थ हैं।
चूंकि ऋणदाताओं या किसी अन्य स्रोत से तत्काल जरूरत की राशि नहीं मिल रही है, एयरलाइन परिचालन जारी रखने के लिए विमान ईंधन या अन्य जरूरी सेवाओं का भुगतान करने में समर्थ नहीं है। इस कारण जेट एयरवेज तत्काल प्रभाव से सभी अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू उड़ानें रद्द करने के लिए विवश है।
जेट एयरवेज ने कहा कि उसने उसके सामने रखे गए सभी विकल्पों पर विचार करने और निदेशक मंडल के निर्देश पर यह दर्द भरा फैसला लिया है। इसके बारे में नागर विमानन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा अन्य संबद्ध सरकारी संस्थानों को सूचित कर दिया गया है।
उसने कहा कि पिछले कुछ महीने और सप्ताह में कंपनी ने अंतरिम तथा दीर्घावधि राशि जुटाने के सभी माध्यमों को आजमाया है। दुर्भाग्यवश, पूरी कोशिश करने के बाद भी हमारे पास अस्थायी रूप से सेवाएं पूरी तरह बंद करने के अलावा आज कोई और विकल्प नहीं रह गया था।
एयरलाइन ने कहा है कि वह अब एसबीआई के नेतृत्व वाली कंसोर्टियम द्वारा शुरू की गई बोली प्रक्रिया का इंतजार करेगी। ऋणदाताओं ने बताया कि तकनीकी बोली के चरण में खरीददार सामने आए हैं। योग्य खरीददारों को बोली के दस्तावेज बुधवार को जारी किए गए हैं। बोली प्रक्रिया 10 मई को पूरी होगी।
जेट एयरवेज ने 25 साल पहले अपनी सेवाएं शुरू की थीं। कुछ महीने पहले तक उसके 123 विमान परिचालन में थे। पिछले साल 4,244 करोड़ रुपए का नुकसान उठाने के बाद वह ऋणदाताओं को ऋण भुगतान करने, विमानों का किराया देने और कर्मचारियों को वेतन देने में विफल रही है।
विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों के विमान वापस लेने के कारण आज उसके परिचालन में मौजूद विमानों की संख्या घटकर 10 से भी कम रह गई थी। उसने जनवरी से पायलटों, विमान रखरखाव अभियंताओं और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन नहीं दिया है। अन्य कर्मचारियों को पहले आंशिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन उन्हें भी मार्च का वेतन नहीं दिया गया है।